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72 Hoor in Islam in Hindi इस्लाम, जिहाद के लिए उकसाने को स्वर्ग मे "72 हूरों" का लालच देता है, ऐसे कहने वालों को और सिनेमा घरों से निकलते वक्त Musalmano को गाली देने वालों को जवाब

Social Media पे काफी समय से कुछ इस्लाम के आलोचक को जन्नत मे मिलने वाली 72 हूरों 72 Hoor in Islam in Hindi को लेकर अश्लील बातें करते हैं और इस्लाम का अपमान करते देख रह हूँ, कि इस्लाम मुसलमानों को जिहाद के लिए उकसाने को स्वर्ग मे मिलने वाली 72 सुन्दर लड़कियों का लालच देता है और इसी लालच मे जिहादी फिदायीन हमले कर के स्वयं को बम से उड़ा लेते हैं… और अब तो ये बक़ायदे प्रोपगंडा फिल्म बना के लोगों के दिमाग में इस्लाम के प्रति नफरत भरा जा रहा है.

72 Hoor in Islam in Hindi - पर्दाफास 

ऐसा कुछ नहीं सिखाता इस्लाम की किसी मासूम इन्सान की जान लेने से स्वर्ग मिलेगा, बल्कि इसके विरुद्ध कुरआन की शिक्षा है अल्लाह का फरमान है:
 "जिसने किसी व्यक्ति को किसी के ख़ून का बदला लेने या धरती में फ़साद फैलाने के अतिरिक्त किसी और कारण से मार डाला तो मानो उसने सारे ही इनसानों की हत्या कर डाली।" (कुरआन सुरह न० 5, आयत न० 32) 
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और यदि इनको जो मुसलमानों को गाली दे रहे हैं, एक विवाह पर नहीं बल्कि 72 स्त्रियों की संख्या पर आपत्ति हो तो सवाल ये है क्या एक से अधिक विवाह करना इतना ही अश्लील कर्म है जितने गंदे आरोप आप ने इस्लाम पर लगाए ?? फिर आप श्री कृष्ण जी को क्या कहेंगे जिन्होंने 72 से कई गुना अधिक स्त्रियों से यानी सोलह हजार से ऊपर की संख्या मे विवाह किए थे …

हम श्रीकृष्ण जी के उन विवाहों को सम्मान की ही दृष्टि से देखते हैं। हमें इस बात पे कोई आपत्ति नहीं है.

इस्लाम मे स्वर्ग की नेमत के रूप मे ये पवित्र पत्नियां उनको मिलेंगी जो दुनिया मे नेक राह पर चलेंगे ऐसा भी कुरान की इन पवित्र आयतों मे स्पष्ट लिखा है …
﴾ 96 ﴿ जो तुम्हारे पास है, वह व्यय (ख़र्च) हो जायेगा और जो अल्लाह के पास है, वह शेष रह जाने वाला है और हम, जो धैर्य धारण करते हैं, उन्हें अवश्य उनका पारिश्रमिक (बदला) उनके उत्तम कर्मों के अनुसार प्रदान करेंगे।
﴾ 97 ﴿ जो भी सदाचार करेगा, वह नर हो अथवा नारी और ईमान वाला हो, तो हम उसे स्वच्छ जीवन व्यतीत करायेंगे और उन्हें उनका पारिश्रमिक उनके उत्तम कर्मों के अनुसार अवश्य प्रदान करेंगे। QURAN 16:96-97
और कुरान के अनुसार नेक राह है दुखियों पर दया रखना, मोहताज की सहायता करना, सब प्राणियों से प्रेम रखना, और अपनी शुचिता और सतीत्व को सदा पर स्त्री, पुरूषों से बचाकर रखना 

मुसलमानों को युद्ध के लिए उकसाने को स्वर्ग मे मिलने वाली सुन्दर लड़कियों का लालच इस्लाम नहीं देता बल्कि ऐसा लालच हमें “महाभारत” मे मिलता हैं जहाँ योद्धा को अपने प्राणों का उत्सर्ग करने को प्रेरित करने के लिए अप्सराओं का वर्णन कुछ ऐसे किया गया है 
“हजारों सुन्दर अप्सराएं युद्ध मे मारे गए नायक के चारों ओर दौड़ रही होंगी, हर एक यही चाहती होगी कि नायक उसका पति बने “ [ महाभारत शान्ति पर्व ( अध्याय 12), खण्ड 98, श्लोक 46 ]
वेद मे भी एक व्यक्ति के लिए एक, दो, बहत्तर या हजारों भी नहीं बल्कि इस संख्या से भी कहीं ऊपर “बहुत सारी” यानि जिनकी गिनती भी नही की जा सकती इतनी स्त्रियाँ दिए जाने का जिक्र है, ऐसा अथर्ववेद 4:34:2 मे लिखा है,
अनस्था: पूता: पवनेन शुद्धा: शुचय: शुचिमपि यंति लोकम् | नैषां शिश्नं प्र दहति जातवेदा: स्वर्गे लोके बहु स्त्रैणमेषाम् || 
कुरान मे तो हूर से जुड़ी कोई ऐसी बात नहीं लिखी फिर भी लोग इस्लाम पर तरह तरह के गंदे आरोप लगाते हैं,

लेकिन खुद अथर्ववेद के इस मन्त्र मे पुरूष अंग के अग्नि आदि से नष्ट न होने का जिक्र ये स्पष्ट करता है कि अप्सरा का मुख्य काम स्वर्गीय पुरुष को सेक्सुअल प्लेजर देना है, जबकि कुरआन मे वर्णित जन्नत की हूर अपने सतीत्व की रक्षा करने वाली स्त्री होती हैै, तो बताइए भाईयों, इस्लाम पर आपकी आपत्तियां कहाँ तक जायज़ हैं ….??

वैसे हमें किसी बात पर आपत्ति नहीं है, चाहे वो बात स्वर्ग मे एक व्यक्ति को मिलने वाली असंख्य स्त्रियों की हो, या उन स्त्रियों से स्वर्गवासी व्यक्ति का शरीर सुख लेना... 

ये सारी बातें स्वीकार्य हैं, यदि स्वर्ग के इन आश्वासनों के कारण व्यक्ति धरती का अपना जीवन आत्मसंयम के साथ बिना किसी अश्लील कर्म मे लिप्त हुए बिता ले जैसे कि अल्लाह से डरने वाले मुस्लिम अपना सारा जीवन बिताते हैं…!!!


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