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जार्ज बर्नाड शा का कहना हैः

‘‘अगर अगले सौ सालों में इंग्लैंड ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोप परकिसी धर्म के शासन करने की संभावना है तो वह इस्लाम है।’’Duniya mein sabse teji se failne wala dharm Kaun sa Hai George Bernard Shaw in ‘The Genuine Islam,’ Vol. 1, No. 8, 1936


Duniya mein sabse teji se failne wala Dharm Kaun sa Hai

बर्नार्ड शा अपनी किताब ‘इस्लाम सौ साल के बाद’ में कहते हैः 
"पूरी दुनिया शीघ्र ही इस्लाम को स्वीकार कर लेगी। अगर वह उसे उसके स्पष्ट नाम के साथ स्वीकार न करेतो उसे ( किसी दूसरे) नाम से अवश्य स्वीकार करेगी। एक दिन ऎसा आएगा कि पश्चिम केलोग इस्लाम धर्म को गले से लगाएंगे। पश्चिम पर कई सदियाँ गुज़र चुकी हैं और वह इस्लाम के संबंध में झूठ से भरी हुई किताबें पढ़ता चला आ रहा है। मैं ने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बारे में एक किताब लिखी थी किन्तु अंग्रेज की रीतियों और परम्पराओं से हट कर होने के कारण वह ज़ब्त कर ली गई।"
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प्रोफेसर ‘कीथ मोरे’ अपनी किताब (The developing human) में कहते हैं: मुझे यह बात स्वीकारने में कोई कठिनाई नहीं होती कि क़ुरआन अल्लाह का कलाम (कथन) है, क्योंकि क़ुरआन में जनीन (गर्भस्थ) के जो विश्वरण दिये गए हैं उनका सातवीं शताब्दी की वैज्ञानिक जानकारी पर आधारित होना असम्भव है। एकमात्र उचित परिणाम (निष्कर्ष) यह है कि यह विवरण मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम को अल्लाह की ओर से व (ईश्वाणी) किये गये थे।
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इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका’ में उल्लिखित है -‘‘समस्त पैग़म्बरों और धार्मिक क्षेत्र के महान व्यक्तित्वों में मुहम्मद सबसे ज़्यादा सफल हुए हैं।’’ पृष्ठ 21
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